कलम-दवात की पूजा कर लोगों ने मांगी सुख-समृद्धि

बस्ती। रविवार को पूरे जिले में भैया दूज का पर्व और कलम-दवात की पूजा साथ-साथ मनाई गई। बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर विशेष पकवान ‘फरा’ खिलाया और उनके सुखद जीवन की कामना की। भाइयों ने भी बहनों को उपहार देकर स्नेह प्रकट किया। इसके साथ ही कायस्थ समाज ने परंपरागत तरीके से कलम-दवात की पूजा की और भगवान श्री चित्रगुप्त से सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। पूरे क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना रहा।

लेखन कार्य की परंपरा और दीपावली के साथ संबंध

दीपावली की रात से ही कायस्थ बिरादरी के लोग लेखन कार्य बंद कर देते हैं और द्वितीया तिथि को भगवान चित्रगुप्त के पूजन के बाद ही इसे पुनः आरंभ करते हैं। मान्यता के अनुसार, जब भगवान राम अयोध्या लौटे थे, तो उनके राज तिलक के समारोह में भगवान चित्रगुप्त को निमंत्रण नहीं भेजा गया। इस कारण उन्होंने अपनी लेखनी कुछ समय के लिए रोक दी, जिससे इस पर्व की परंपरा का आरंभ हुआ।

कायस्थ समाज की परंपरागत पूजा

घर-घर में भगवान चित्रगुप्त को साक्षी मानते हुए कलम-दवात की पूजा की गई। मिष्ठान, फल आदि अर्पित किए गए और भक्तों ने भगवान चित्रगुप्त के चरणों में श्रद्धा व्यक्त की। शहर के धर्मशाला रोड स्थित चित्रगुप्त मंदिर में सामूहिक पूजा का भव्य आयोजन हुआ। आवास विकास कॉलोनी और गांधीनगर क्षेत्र के चित्रगुप्त मंदिरों में भी हवन-पूजन कर श्रद्धालुओं ने भगवान चित्रगुप्त को नमन किया।

कायस्थ कुल की उत्पत्ति और कलम-दवात का महत्व

कायस्थ विकास परिषद के काजू श्रीवास्तव ने बताया कि भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा की काया से हुआ था, जिससे इस कुल का नाम ‘कायस्थ’ पड़ा। उनकी उत्पत्ति के समय उनके हाथ में कलम-दवात था, जिससे यम द्वितीया के दिन इस पूजा की परंपरा का महत्व है।

धर्मशाला रोड और अन्य स्थानों पर पूजा का आयोजन

धर्मशाला रोड के चित्रगुप्त मंदिर में पारंपरिक ढंग से पूजा संपन्न हुई। युवा संघ के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में भगवान चित्रगुप्त की महाआरती हुई। इसके बाद यूनिक साइंस एकेडमी के छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन सामूहिक सहभोज के साथ हुआ।

उल्लेखनीय उपस्थिति और समर्पण

इस अवसर पर कृष्ण चंद्र गोप, परमात्मा प्रसाद, प्रेम प्रकाश, अरुण प्रकाश, रमेश श्रीवास्तव, आदित्य श्रीवास्तव, मुकेश श्रीवास्तव, राजेश श्रीवास्तव, डॉ. सौरभ सिन्हा, सर्वेश श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, नितेश श्रीवास्तव, हरिओम श्रीवास्तव, महेश चंद्र, अपराजिता सिन्हा, नम्रता श्रीवास्तव, साक्षी श्रीवास्तव और पुजारी अयोध्या प्रसाद जैसे प्रतिष्ठित लोग शामिल रहे।Basti News: दुष्कर्म के आरोपी का शव पेड़ से लटका मिला, आत्महत्या का शक

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