बस्ती। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन के समक्ष एक बार फिर आवाज बुलंद की है। बुधवार को शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष चंद्रिका सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में प्रमुख रूप से तीन मांगे उठाई गईं— परिषदीय विद्यालयों में विद्युत संयोजन का कार्य पूर्ण करना, गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर कार्रवाई करना और शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया की विसंगतियों को दूर करना।
शिक्षकों का रोष
जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने कहा कि विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ जिले के सभी उपजिलाधिकारी, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को ज्ञापन सौंपने के बावजूद गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे शिक्षकों में गहरी नाराजगी है। उन्होंने बताया कि जिले के 385 परिषदीय विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन के लिए धनराशि का भुगतान छः माह पहले किया जा चुका है, फिर भी विद्युत कनेक्शन अभी तक नहीं हो पाया है।
समायोजन प्रक्रिया में विसंगतियां
शिक्षकों की तीसरी महत्वपूर्ण मांग समायोजन प्रक्रिया में फैली विसंगतियों को दूर करने की है। शिक्षक संघ ने मांग की है कि हर उच्च प्राथमिक विद्यालय में कम से कम तीन शिक्षक अनिवार्य रूप से नियुक्त किए जाएं— विज्ञान और गणित, सामाजिक विज्ञान, और भाषा के शिक्षक। वर्तमान स्थिति में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षा का स्तर प्रभावित हो रहा है।
25 सितंबर को धरने की चेतावनी
यदि इन समस्याओं का निस्तारण जल्द नहीं किया गया, तो जिले के सभी शिक्षक 25 सितंबर को बीएसए कार्यालय पर धरना देने को मजबूर होंगे। शिक्षक संघ का कहना है कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं।
शिक्षक संघ के प्रमुख सदस्य
इस मौके पर शिक्षक संघ के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें कोषाध्यक्ष दुर्गेश यादव, जिला उपाध्यक्ष रवीश मिश्र, उपाध्यक्ष सुधीर तिवारी, शिव प्रकाश सिंह, प्रवीन श्रीवास्तव, संगठन मंत्री अविनाश दुबे, विवेक कांत पांडेय, ब्लॉक अध्यक्ष हरेंद्र यादव, सनद पटेल, सुरेश गौड़ और मुरलीधर प्रमुख रूप से शामिल थे।
अब देखना होगा कि प्रशासन इन मांगों पर क्या कदम उठाता है और शिक्षकों का यह विरोध कितना असर डालता है।बस्ती में नौ वर्षीय बालिका से छेड़खानी के मामले में चार आरोपियों पर केस दर्ज !