झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: 75 मिनट में खुलासा, साढ़े पांच घंटे की पूछताछ में सामने आई वजह ?

झांसी (19 नवम्बर 2024): झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू) में शुक्रवार को लगी भीषण आग के कारणों का पता लगाने के लिए लखनऊ से आई चार सदस्यीय टीम ने सोमवार को करीब सात घंटे तक जांच की। इस दौरान, टीम ने जले हुए एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया, बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली और आग की वजह से हुई मौतों और घायल बच्चों के परिजनों और डॉक्टरों से सवाल-जवाब किए।

अग्निकांड में अब तक 12 बच्चों की मौत

इस आग हादसे में अब तक 12 नवजात बच्चों की जान जा चुकी है, जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज जारी है। आग में जालौन के ग्राम पीपरी अटकइयां की निवासी मुस्कान के बच्चे की भी मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।

शॉर्ट सर्किट को बताया हादसे का कारण

लखनऊ की टीम की अध्यक्षता कर रहीं चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक डॉ. किंजल सिंह ने इस हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया। उन्होंने कहा कि पहले एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी, जिसके बाद नजदीक के वेंटिलेटर में भी आग फैल गई। इस आग से वार्ड में तैनात नवजात शिशु और स्टाफ प्रभावित हुए।

टीम ने की व्यापक जांच

टीम ने करीब 35 मिनट तक जले हुए एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया और फिर करीब 40 मिनट तक वार्ड पांच में भर्ती नवजातों के परिजनों से बातचीत की। इसके बाद, लगभग साढ़े पांच घंटे तक 20 डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और मृत शिशुओं के परिजनों के बयान दर्ज किए। जांच के दौरान, टीम ने मेडिकल कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों से भी सवाल किए, जिनमें कॉलेज के प्राचार्य, प्रमुख चिकित्साधीक्षक और अन्य चिकित्सा अधिकारी शामिल थे।

बिजली उपकरणों की गुणवत्ता की होगी जांच

चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. किंजल सिंह ने बताया कि शॉर्ट सर्किट की वजह की जांच करने के लिए बिजली विभाग की टीम भी जांच करेगी। इस जांच में यह देखा जाएगा कि क्या अस्पताल में लगे बिजली उपकरणों की क्षमता सही थी और क्या अचानक वोल्टेज का उतार-चढ़ाव हुआ था। इसके अलावा, यह भी जांचा जाएगा कि अस्पताल में किसी प्रकार का लोड बढ़ने से शॉर्ट सर्किट हुआ था या नहीं।

जांच के मुख्य बिंदु

टीम ने आग के कारणों के साथ-साथ इन बिंदुओं पर भी जांच की:

  • आग लगने की मुख्य वजह क्या थी।
  • वार्ड के उपकरणों की गुणवत्ता कैसी थी।
  • वार्ड में क्षमता से ज्यादा नवजात क्यों भर्ती किए गए थे।
  • घटना के समय दूसरा दरवाजा क्यों बंद था।
  • शाम 5 बजे शॉर्ट सर्किट के बाद तत्काल संज्ञान क्यों नहीं लिया गया।

सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की सख्त चेतावनी

झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई इस आग हादसे के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि सभी अस्पतालों को एक चेकलिस्ट तैयार करने को कहा गया है और सुरक्षा संबंधित खामियों को तत्काल ठीक करने के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी अस्पताल में सुरक्षा से जुड़ी किसी भी कमी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस घटना को बेहद दुःखद बताया और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विभाग की उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह हादसा झांसी मेडिकल कॉलेज के इतिहास में सबसे बड़े हादसों में से एक था, जिससे न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं, बल्कि राज्यभर में सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा मानकों की सख्ती से जांच का भी आदेश दिया गया है।

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