बस्ती की दर्दनाक घटना : भूमि विवाद ने लिया हत्या का रूप

घटना का विवरण

बस्ती जिले के पैकोलिया क्षेत्र के पड़ियाडीह गांव में मंगलवार को एक दर्दनाक घटना घटी। भूमि विवाद के चलते दिन में ईंट हटाने के लिए पंचायत हुई और शाम को इसी विवाद ने हत्या का रूप ले लिया।

हत्या का मामला

पुलिस ने इस मामले में 10 नामजद और दो अज्ञात लोगों पर हत्या और बीएनएस की अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मृतक राजेंद्र के परिवार का आरोप है कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई है।

सुबह की पंचायत

राजेंद्र की पत्नी राधा देवी के अनुसार, उनकी पैतृक जमीन पर विपक्षी विश्वनाथ और फूलचंद की दीवार बारिश में गिर गई थी। कई बार पंचायत होने के बावजूद विपक्षी ईंट हटाने को तैयार नहीं थे। मंगलवार की सुबह भी पंचायत में ईंट हटाने की बात हुई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

शाम की हिंसा

जब राजेंद्र, उनकी पत्नी, बेटियाँ साधना और माधुरी, और बेटा गोविंद ईंट हटाने लगे, तो विवाद बढ़ गया। विपक्षी कन्हैया तिवारी उर्फ रवींद्र नाथ, रामचंद्र, विश्वनाथ, फूलचंद्र, संदीप, इंद्रेश, कौशलेंद्र, आदित्य, आयूष, और विद्यावती ने दो अज्ञात लोगों के साथ मिलकर सरिया, डंडा, भाला और सब्बल से हमला कर दिया।

हत्या की साजिश

राधा देवी का आरोप है कि उनके पति राजेंद्र के सिर पर सब्बल और सरिया से वार किया गया। उन्हें मरा समझकर सभी आरोपी मौके से भाग गए। आनन-फानन में राजेंद्र को इलाज के लिए सीएचसी परशुरामपुर पहुंचाया गया, जहाँ से उन्हें जिला अस्पताल अयोध्या रेफर कर दिया गया। अयोध्या में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस की कार्रवाई

थानाध्यक्ष रामफल चौरसिया ने बताया कि आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।

संभावित कारण

यह घटना भूमि विवाद के चलते हुई है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आम समस्या है।

सामाजिक संदेश

इस घटना ने समाज को एक गंभीर संदेश दिया है कि भूमि विवाद जैसे मुद्दों को पंचायत और बातचीत से हल करने का प्रयास करना चाहिए। हिंसा और हत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। हमें एक संवेदनशील और सहयोगी समाज की दिशा में काम करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

पड़ियाडीह गांव की यह घटना एक दुखद उदाहरण है कि कैसे छोटी-छोटी समस्याएं बड़े विवाद का रूप ले सकती हैं। राजेंद्र की हत्या ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। अब यह पुलिस और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएं।


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