गोरखपुर में पूर्व मंत्री स्वर्गीय पंडित हरिशंकर तिवारी की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने के लिए बनाए जा रहे चबूतरे को प्रशासन ने बुलडोजर से गिरा दिया। यह घटना बुधवार दोपहर की है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई।
अखिलेश यादव का आक्रोश
इस घटना पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “अब तक भाजपा का बुलडोजर दुकान और मकान पर चलता था, लेकिन अब दिवंगतों के मान-सम्मान पर भी बुलडोजर चलने लगा है।”
स्थानीय विरोध और प्रशासनिक कार्रवाई
इस कार्रवाई के दौरान एसडीएम गोला के नेतृत्व में गई टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। काफी देर तक प्रशासन और ग्रामीणों के बीच नोकझोंक होती रही। प्रशासन का कहना है कि बिना अनुमति के सार्वजनिक भूमि पर प्रतिमा लगाई जा रही थी।
पंडित हरिशंकर तिवारी की जयंती पर प्रतिमा की योजना
पंडित हरिशंकर तिवारी की 88वीं जयंती के अवसर पर, 5 अगस्त को, उनके पैतृक गांव टाड़ा में प्रतिमा स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। क्षेत्र के उद्योगपति प्रेम सागर तिवारी, ग्राम प्रधान दयाशंकर तिवारी और अन्य लोगों के सुझाव पर यह निर्णय लिया गया था।
ग्राम पंचायत की स्वीकृति और विरोध
ग्राम प्रधान दयाशंकर तिवारी के अनुसार, ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मति से प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। हालांकि, 21 जुलाई को टांडा गांव के डॉ. राजा वशिष्ठ त्रिपाठी ने उपजिलाधिकारी गोला को पत्र देकर सार्वजनिक भूमि पर प्रतिमा स्थापना का विरोध किया। इस पत्र की कॉपी उच्च अधिकारियों को भी भेजी गई थी।
अनुमति की मांग और विवाद
प्रतिमा स्थापित करने के लिए चबूतरे का निर्माण शुरू हो गया था। ग्राम प्रधान दयाशंकर तिवारी और ग्रामीणों ने 29 जुलाई को डीएम से मुलाकात कर ग्राम पंचायत और भूमि प्रबंधन समिति का प्रस्ताव सौंपा और प्रतिमा स्थापना की अनुमति मांगी।
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राजनीतिक दबाव का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि राजनीतिक दबाव के चलते उपजिलाधिकारी और तहसीलदार गोला पुलिस फोर्स लेकर बुधवार को बुलडोजर के साथ पहुंचे और चबूतरे को गिरवा दिया। जबकि स्थानीय पुलिस के मना करने पर काम दो दिनों से रुका हुआ था।