डेंगू बुखार एक गंभीर समस्या है, जो समय पर सही उपचार और देखरेख से ठीक किया जा सकता है। होम्योपैथी में कई ऐसी दवाइयाँ हैं जो लक्षणों के आधार पर प्रभावी साबित हो सकती हैं। इयूपिटोरियमपर्फ, आरसेनिक एलबम, चाइना, नैट्रम्योर, एकोनाइट, बेलाडोना, रसटास्क, डलकामारा और नक्सबोम जैसी दवाइयाँ उपयुक्त पॉवर में योग्य चिकित्सक की देखरेख में दी जा सकती हैं। होम्योपैथी की खासियत यह है कि यह सरल, सस्ती और आसानी से उपलब्ध चिकित्सा पद्धति है। यदि समय रहते होम्योपैथी उपचार शुरू किया जाए, तो यह बुखार जैसी गंभीर समस्याओं से निजात पाने में मदद कर सकता है।
घरेलू उपाय
डेंगू बुखार के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है, जिसे रोकने के लिए घरेलू उपाय भी काफी मददगार हो सकते हैं। डा. वी.के. वर्मा के अनुसार, आयरन से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन डेंगू मरीजों के लिए लाभकारी है। पपीता खाने से या उसकी पत्तियों का जूस पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और प्लेटलेट्स की संख्या में भी तेजी से वृद्धि होती है। नारियल पानी, बकरी का दूध, किवी फल, और पपीता की फुनगी का सेवन करने से भी डेंगू से लड़ने में मदद मिलती है। इन सभी में मौजूद पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर रिकवरी की प्रक्रिया को तेज करते हैं।
इसके अलावा, तुलसी और काली मिर्च को 1 कप पानी में उबालकर दिन में 4-5 बार पीने से भी इम्यूनिटी बढ़ती है। गिलोय का जूस खून में व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या को बढ़ाने में काफी असरदार है। गाजर और चुकंदर का रस मिलाकर पीने से भी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। लाल फल और सब्जियाँ जैसे- टमाटर, प्लम, तरबूज, और चेरी में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो ब्लड सेल्स की वृद्धि में मदद करती हैं।
विशेषज्ञ की राय
डा. वी.के. वर्मा, जो बस्ती जिले के आयुष विभाग के नोडल अधिकारी हैं, अपने 35 साल के चिकित्सा अनुभव से हजारों रोगियों का सफल उपचार कर चुके हैं। डा. वर्मा ने कई अस्पताल और शिक्षण संस्थान भी स्थापित किए हैं, जहाँ दवाओं के अतिरिक्त कोई शुल्क नहीं लिया जाता। उनकी मानवीय सेवाओं के लिए उनसे संपर्क किया जा सकता है।
मोबाइल नंबर: 9415163328
डेंगू के दौरान सही चिकित्सा पद्धति और घरेलू उपायों का समय पर इस्तेमाल करके गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।