जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना की अदालत ने मोहित यादव अपहरण और हत्याकांड के आरोपी अमन और विवेक पाल की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है। अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों की जमानत की याचिका को अस्वीकार कर दिया, जो इस केस के महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है।
आरोपियों के खिलाफ सबूत और बयान
डीजीसी फौजदारी परिपूर्णानंद पांडे और एडीजीसी कमलेश चौधरी ने अदालत को बताया कि अमन और विवेक पाल मोहित यादव अपहरण और हत्या मामले में वांछित हैं। विवेचना के दौरान आरोपी अमन का नाम आदित्य विक्रम सिंह के बयान के आधार पर मामले में शामिल किया गया है, जबकि विवेक पाल का नाम प्रेरित पाल के बयान के आधार पर सामने आया है।
घटना का विवरण
कोतवाली क्षेत्र के पिकौरा दत्तूराय मोहल्ला के निवासी मकान मालिक अविनाश ने यह केस दर्ज कराया था। उनके अनुसार, मोहित यादव उनके मकान में किराये पर रह रहा था। 12 जुलाई 2024 को दोपहर 2 बजे आदित्य विक्रम सिंह और अन्य लोगों ने उनके मकान में घुसकर मोहित यादव की मारपीट की और उसका अपहरण कर लिया।
न्यायाधीश का निर्णय
न्यायाधीश कुलदीप सक्सेना ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अमन और विवेक पाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय ने मामले में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और न्याय की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है।
मामले की आगे की सुनवाई और जांच जारी रहेगी, और यह देखा जाएगा कि आगे की कार्रवाई क्या दिशा लेती है।मोहित हत्याकांड: दो प्रमुख आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज – अदालत का बड़ा निर्णय
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