पटना
बिहार विधानसभा चुनाव इसी साल निर्धारित समय पर कराने के लिए अधिसूचना जारी होने में अभी कम-से-कम 90 दिन बाकी हैं। पर अधिक से अधिक सीटें हथियाने की फिराक में लगे ‘एनडीए’ व ‘इंडिया’ के छोटे दलों की महत्वाकांक्षा हिलोरें मार रही हैं।
एनडीए में ‘दलित पॉलिटिक्स’ के सूत्रधार केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान आमने-सामने आ गए हैं। उपेन्द्र भी सीटों की दावेदारी में शामिल हैं। चेता रहे हैं कि एनडीए नेता काराकाट की गलती न दोहराएं।
दूसरी तरफ ‘इंडिया’ में भी मुकेश सहनी और भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य ने सीटों पर अभी से दावेदारी ठोक दी है। सहनी ने तो हर बार की तरह फिर दोनों तरफ ‘जाल’ डाल दिया है। इंडिया में उन्हें 60 सीटें चाहिए तो निषाद आरक्षण देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र के लिए जान देने की बात कहने लगे हैं।
मांझी ने बीते लोकसभा चुनाव में एनडीए नेतृत्व पर अन्याय करने का भी इशारों में आरोप लगा दिया है। कहा कि उस समय 2 लोकसभा और एक राज्यसभा सीट देने का वायदा किया गया था पर मिला एक लोकसभा सीट। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए नेताओं से अपील की, पुराने अनुभवों से सबक लें।
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