कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के 27 वर्षीय कमांडो प्रदीप नैन शहीद हो गए। शहीद होने की खबर अत्यंत हृदयविदारक है। प्रदीप अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे, जिनकी शहादत ने सभी को गहरे दुख में डाल दिया है।
गर्भवती पत्नी के सपने चकनाचूर
प्रदीप की पत्नी गर्भवती हैं और उन्हें जल्द ही छुट्टी पर घर आना था। इस दुखद घटना ने परिवार की खुशियों को छीन लिया है।
मातृभूमि की रक्षा में शहीद
प्रदीप जैसे बेटे, जो ऐसे परिवार से आते हैं, मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से कभी पीछे नहीं हटते। उनकी वीरता पर पूरा देश गर्व करता है।
वीर सपूतों पर देश को गर्व
मां भारती की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूत हमारे देश की शान हैं। उनके साहस और त्याग को सलाम।
देवता जैसे वीर सपूत
ऐसे वीर सपूत किसी देवता से कम नहीं होते। उनका बलिदान हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
शहीद का घर देवालय के समान
शहीद प्रदीप का घर किसी देवालय से कम नहीं है। ऐसे परिवार को नमन, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।