16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंचने से रोकने के लिए एक ऐतिहासिक विधेयक पारित किया गया है। यह विधेयक 13 के मुकाबले 102 वोटों के भारी बहुमत से मंजूर हुआ। इस कानून का उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
एक साल में सुरक्षा प्रणाली स्थापित करने का निर्देश
इस विधेयक के तहत अधिकारियों को एक वर्ष के भीतर एक प्रभावी सुरक्षा प्रणाली स्थापित करनी होगी। इस प्रणाली के जरिए कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक पहुंचने से रोका जाएगा।
कानून का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश दिया गया है कि वे इस कानून का सख्ती से पालन करें। ऐसा न करने पर 3 करोड़ 30 लाख डॉलर तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। यह प्रावधान सोशल मीडिया कंपनियों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए किया गया है।
दुनिया का पहला ऐसा कानून बनने की संभावना
सीनेट की अंतिम मंजूरी के बाद, यह कानून दुनिया का पहला ऐसा कानून बन जाएगा जो बच्चों की सोशल मीडिया तक पहुंच पर इस प्रकार के प्रतिबंध लगाएगा। यह कदम बच्चों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
सोशल मीडिया और मोबाइल के दुष्प्रभावों से बचने की पहल
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया और मोबाइल के दुष्प्रभाव पहले ही सामने आने लगे हैं। यह कानून उन लोगों के लिए एक प्रेरणा हो सकता है जो अपने देश और युवा पीढ़ी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अगर इस दिशा में त्वरित उपाय नहीं किए गए तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
यह विधेयक न केवल बच्चों को सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज को इसके संभावित नुकसान के प्रति जागरूक करने का भी प्रयास है। अब सीनेट की मंजूरी के बाद इसके लागू होने की प्रतीक्षा है।